Sunday 22 March 2015

3 Preaches of King (A moral Story)

राजा की तीन सीखें

बहुत समय पहले की बात है, सुदूर दक्षिण में किसी प्रतापी राजा का राज्य था। राजा के तीन पुत्र थे, एक दिन राजा के मन में आया कि पुत्रों को कुछ ऐसी शिक्षा दी जाये कि समय आने पर वो राज-काज सम्भाल सकें।
इसी विचार के साथ राजा ने सभी पुत्रों को दरबार में बुलाया और बोला,‘‘पुत्रों, हमारे राज्य में नाशपाती का कोई वृक्ष नही है, मै चाहता हूॅ तुम सब चार-चार महीने के अंतराल पर इस वृक्ष की तलाश में जाओ और पता लगाओ कि वो कैसा होता है?’’ राजा की आज्ञा पा कर तीनो पुत्र बारी-बारी से गए और वापस लौट आये।
सभी पुत्रों के लौट आने पर राजा ने पुनः सभी को दरबार में बुलाया और उस पेड़ के बारे में बताने को कहा।
पहला पुत्र बोला,‘‘पिताजी वह पेड तो बिलकुल टेढा-मेढा, और सूखा हुआ था।’’
‘‘नहीं-नहीं वो तो बिलकुल हरा-भरा था, लेकिन शायद उसमे कुछ कमी थी क्योकि उस पर एक भी फल नहीं लगा था।’’, दुसरे पुत्र ने पहले को बीच में ही रोकते हुए कहा।
फिर तीसरा पुत्र बोला,‘‘ भैया, लगता है आप भी कोई गलत पेड देख आये क्योंकि मैंने सचमुच नाशपाती का पेड देखा, वो बहुत ही शानदार था और फलों से लदा पडा था।’’
और तीनो पुत्र अपनी-अपनी बात को लेकर आपस में विवाद करने लगे कि तभी राजा अपने सिंघासन से उठे और बोले,‘‘पुत्रों, तुम्हे आपस में बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है, दरअसल तुम तीनो ही वृक्ष का सही वर्णन कर रहे हो। मैने जानबूझ कर तुम्हे अलग-अलग मौसम में वृक्ष खोजने भेजा था और तुमने जो देखा वो उस मौसम के अनुसार था।
मै चाहता हूॅ कि उस अनुभव के आधार पर तुम तीन बातों को गाॅठ बाॅध लो:
पहली, किसी चीज के बारे मे सही और पूर्ण जानकारी चाहिए तो तुम्हे उसे लम्बे समय तक देखना-परखना चाहिए, फिर चाहे वो कोई विशय हो, वस्तु हो या फिर कोई व्यक्ति ही क्यों न हो।
दूसरी, हर मौसम एक सा नहीं होता, जिस प्रकार वृक्ष मौसम के अनुसार सूखता, हरा-भरा या फलों से लदा रहता है उसी प्रकार मनुश्य के जीवन में भी उतार चढाव आते रहते है, अतः अगर तुम कभी भी बुरे दौर से गुजर रहे हो तो अपनी हिम्मत और धैर्य बनाये रखो, समय अवश्य बदलता है।
और तीसरी बार, अपनी बात को ही सही मान कर उस पर अडे मत रहो, अपना दिमाग खोलो, और दूसरोे के विचारों को भी जानो। यह संसार ज्ञान से भरा पडा है, चाह कर भी तुम अकेले सारा ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते, इसलिए भ्रम की स्थिति में किसी ज्ञानी व्यक्ति से सलाह लेने में संकोच मत करो।’’

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